सुभाष पार्क में कब्जे के विरोध में प्रदर्शन, कहा
दिल्ली कानून विहीन
संतों के नेतृत्व में पढ़ी हनूमान चालीसा, सैकड़ों गिरफ़्तार
उच्च न्यायालय की अवहेलना कर पुलिस ने पढ़ाई नमाज़, निर्माण
जारी
नई दिल्ली। जुलाई 20, 2012।
गत एक पखवाडे से दिल्ली के लाल किले के सामने स्थित सुभाष पार्क में पाण्डव कालीन
मंदिर की दीवार पर बनाए जा रहे ढ़ांचे के विरोध में राजधानी
के हिन्दू संगठनों ने रोष प्रकट कर विरोध मार्च निकाला तथा हनूमान चालीसा का पाठ
करने हेतु सुभाष पार्क की ओर मार्च किया किन्तु कानून व व्यवस्था का हवाला देते
हुए पुलिस ने रोक दिया और लाल किले के सामने ही सभी ने हनूमान चालीसा का पाठ किया
तथा कानून के पालन व हिन्दू भावनाओं का सम्मान करने में विफ़ल दिल्ली सरकार, दिल्ली
नगर निगम तथा दिल्ली पुलिस को सदबुद्धि देने की प्रार्थना की। सैंकड़ों कार्यकर्ताओं
को पुलिस ने गिरफ़्तार कर बाद में छोड़ दिया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि आज
दिल्ली के अन्दर कानून का नहीं अराजक व असामाजिक तत्वों का राज्य है। जब तक मन्दिर
की दीवार से ढ़ांचे को नहीं हटा कर सुभाष पार्क को खाली नहीं कराया जाएगा हमारा
आन्दोलन जारी रहेगा।
दिल्ली उच्च न्यायालय के पार्क खाली
करा कर सील करने के आदेश को धता बताते हुए हजारों लोगों ने सुभाष पार्क में नमाज़
पढ़ी तथा देर रात तक निर्माण कार्य जारी रहा, सैकड़ों लोग वहां उपस्थित थे तथा माइक
के साथ घोषणाएं भी होती रहीं।
वक्ताओं ने सुभाष पार्क पर कब्जे के सम्बन्ध में दिल्ली में गत एक पखवाड़े से
प्रशासन की अकर्मण्यता की घोर निन्दा की और वरिष्ठ संतों के नेतृत्व में सुभाष
पार्क को अराजक व असामाजिक तत्वों से मुक्त कराने हेतु चान्दनी चौक स्थित गौरी
शंकर मन्दिर से विरोध मार्च निकाल कर सुभाष पार्क की ओर कूंच किया। यह भी कहा कि
शांति पूर्ण प्रदर्शनकारियों को तो पुलिस गिरफ़्तार कर रही है किन्तु अराजक तत्वों
के हाथ की वह कठपुतली बन गई है।
इन्द्रप्रस्थ विश्व
हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश सिंहल, प्रदेश महा मंत्री
श्री सत्येन्द्र मोहन, उपाध्यक्ष गुर्दीन प्रसाद, बृज मोहन सेठी व अशोक कुमार के अलावा
प्रदर्शन में दिल्ली संत महा मण्डल के महा मंत्री महन्त नवल किशोर दास, विश्व
हिन्दू महा संघ के अध्यक्ष महन्त सुरेन्द्र नाथ अवधूत, सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा
के अध्यक्ष स्वामी राघवानन्द, हिन्दू महा सभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी, सहित वानर सेना, राष्ट्र्वादी शिव सेना, वाल्मीकि समाज, बजरंग
दल, दुर्गा वाहिनी इत्यादि अनेक संगठनों के पदाधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को
सम्बोधित किया।
भवदीय
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