Monday, September 14, 2015

भोपाल में प्रदेश के सभी जन सगठनों की जबरदस्त एक-जुटता
मुख्य मंत्री संवाद करो: 27 अक्टूबर को गाँधी भवन में निमंत्रण
नर्मदा जन अदालत के 4 न्यायाधीशों का अंतरिम आदेश:
सरदार सरोवर से 2.5 लाख के विस्थापन रोको
गैर कानूनी बाँध कार्य और अन्याय पूर्ण डूब पर हो पुनर्विचार
14 सितम्बर, 2015: सरदार सरोवर बांध से 2.5 लाख लोगों के ऊपर किसान-विरोधी शिवराज-मोदी सरकारें द्वारा थोपी जा रही अन्यायपूर्ण विस्थापन के खिलाफ पिछले एक महीने से नर्मदा किनारे, राजघाट में चल रही एतिहासिक जीवन अधिकार सत्याग्रह के भरपूर समर्थन में भोपाल के 30 से ऊपर जन-संगठन और जनवादी राजनीतिक दल आज प्रदेश के राजधानी के सड़कों पर उतार आये| शाहजहानी पार्क से नीलम पार्क तक निकली पैदल रैली और आम सभा में प्रदेश भर के विभिन्न जन संगठनों और समोहों के साथी, किसान, मजदूर, मछुआरे, कुहार – केवट सहित लगभग 1,000 से भी ज़्यादा वरिष्ठ कार्यकर्ता और जनता उपस्थित थे |
‘पेटलावद जाने के कारण, मुख्य मंत्री से मिलना आज संभव नहीं’, यह कहते हुए, धरना स्थल पर भोपाल के अनुविभागीय अधिकारी पधारे और आन्दोलनकारियों से ज्ञापन स्वीकार किया | उनके माध्यम से सभी संगठनों की और से वरिष्ठ समाजवादी नेता डा. सुनीलम ने मुख्य मंत्री को प्रस्ताव रखा की “हम संवाद के लिए तैयार है, अगर आप भी हो तो ज़रूर पधारे”| मुख्य मंत्री को 27 अक्टूबर के दिन मध्य प्रदेश में सरदार सरोवर विस्थापितों और अन्य जगहों पर हो रहे विस्थापन के सन्दर्भ में संवाद हेतु एक खुली बहस के लिए, निमंत्रण दिया |
मेधा पाटकर ने कहा कि गुजरात दंगों के लिए कानूनी रूप से आज भले नहीं, मगर नैतिक रूप से ज़िम्मेदार पूर्व मुख्य मंत्री और वर्त्तमान प्रधान मंत्री अगर नर्मदा घाटी की हत्या के योजना को आगे बढ़ाएंगे, तो 120 दंगाइयों को सज़ा दिलानी वाली तीस्ता सेतालवाद से भी, बड़ी सबक और उससे बड़ी सज़ा गलत निर्णयकर्ताओं को दिलाने के लिए नर्मदा घाटी की महिला-शक्ति तैयार है | “सर्वोच्च अदालत से सर्वोत्तम न्याय अपेक्षित है, सर्वोच्च अन्याय नहीं”, यह कहते हुए, उन्होंने कहा की न्याय की लड़ाई अब कोर्ट में ही नहीं, देश के सड़कों पर, सभी संगठनों के साथ तीव्र की जायेगी” | नर्मदा घाटी की प्रतिनिधित्व करते हुए, ग्राम धनोरा के मजदूर बहन पेमल ने प्रधान मंत्री को आपने विकास के वादों को साबित करने के लिए हवाई दौरा बंद करके, ज़मीन पर उतर आने का निमंत्रण दी |  
नर्मदा घाटी में राजघाट पर देश के कई सारे गणमान्य नागरिकों द्वारा 11 और 12 सितम्बर को आयोजित “जन अदालत” के 4 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने “सरदार सरोवर के विकास, विस्थापन और पुनर्वास के स्तिथि पर शासन के दावे और ज़मीनी हकीकत” पर जो अंतरिम आदेश पारित किया, उसका वाचन वरिष्ठ शिक्षाविद, प्रो. अनिल सदगोपाल जी ने किया और सभी संगठनों ने आदेश का स्वागत किया |
अंतरिम रिपोर्ट में वरिष्ट न्यायाधीश न्या. पी. सी. जैन, न्या. वी.डी ज्ञानी, न्या. नाग मोहन दास और न्या. एन. के. मोदी जी नी कहा “हमारे राय में संविधान के अनुच्छेद 21, अंतरराष्ट्रीय संधी, स्वयं नर्मदा अवार्ड का फैसला, सर्वोच्च अदालत, मध्य प्रदेश न्यायालय के निर्णय और शिकायत निवारण प्राधिकरण के आदेशों  का उल्लंघन हुआ है| जनता के साथ धोखा हुआ है | हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है की सरकार ने जो शपथ-पत्र मा. सर्वोच्च नयायालय में प्रस्तुत किया है, वह सफ़ेद झूठ है | जन अदालत मा. सर्वोच्च न्यायालय से प्रार्थना करती है कि शासन की और से प्रस्तुत गुमराह की जाने वाली शपत पत्रों के आधार पर जो आदेश पारित किये गए है, उनकी पुन:विचार की जाए अथवा इस रिपोर्ट को क्यूरेटीव याचिका माना जाए” |
जागृत आदिवासी दलित संगठन के माधुरी बहन ने कहा की “पूरे देश को खिलाने वाले किसान–मजदूर, कम दाम और बिन काम रोते रहते है, मगर शासन गरीब- मेहनत कशों के कब्र पर, कॉर्पोरेट लुटेरों के लिए महल बनाने की योजना आगे बढ़ती है और खेती–शिक्षा–स्वास्थ्य हर क्षेत्रे में मुनाफेखोरों के हितों में खुले आम काम कर रही है | बरगी से चुटका को और सरदार सरोवर से कोका कोला को पानी, बिजली, ज़मीन, मुनाफ़ा देने के खिलाफ और संघर्ष ज़रूरी है”|
झुझारू महिला अधिवक्ता आराधना भार्गव ने छिंदवाड़ा में अड़ानी के द्वारा, शासन की खुली मदद के साथ हो रही लूट पाट और दादागिरी का खंडन करते हुए, मध्य प्रदेश के सभी संगठनो को एक जुट होकर लड़ने के लिए, पुकार दी| अखिल भारतीय जनवादी महिला समाख्या के संध्या शैली जी ने ने शहरीकरण के नाम पर हो रही भरसक विस्थापन और पलायन के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाते हुए, कहा कि पर्यावरण उत्साव के नाम पर करोड़ों रूपए बहानी वाली सरकारें वास्तव में पर्यावरण की रक्षा करने वाली ग्रामीण और गरीब समुदायों की ह्त्या कर रही है |  
धरने पर आज सीपीएम, सीपीआई, SUCI जैसे जन वादी राज नीतिक दलों ने भी उपस्तिथ होकर अपना समर्थन व्यक्त किया |मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश सचिव बादल सरोज जी ने कहा की प्रदेश की प्राकृतिक संसाधनों को ख़तम करने के लिए, 55 से भी ज्यादा ताप विद्युत् परियोजनाओं को मंजूरी ही नहीं, पूरी छूट दी जा रही है  | उन्होंने कहा कि आनी वाले महीनों में प्रदेश भर में 250 संगठनों तक जन शक्ती और एक जुटता के लिया प्रक्रिया आगे बढाया जाएगा | SUCI पार्टी से जुड़े अखिल भारतीय किसान और खेत मजदूर संगठन के यू.पी. विश्वास जी ने नर्मदा घाटी के 30 सालों के संघर्ष का समर्थन करते हुए एलान किया की सभी वर्गों को प्रदेश स्तर पर ज़्यादा से ज़्यादा दबाव लाने हेतु रणनीती पुख्ता करना होगा | सीपीआई से वरिष्ट अधिवक्ता अरविन्द श्रीवास्तव जे ने नए भू-अर्जन कानून में जन विरोधी बदलाव को रोकने के जीत के बाद, अब राज्यों में भी ऐसे बदलाव लाने के खिलाफ लड़ाई मज़बूत करने का ऐलान किया|
मध्य प्रदेश किसान सभा के जसविंदर सिंह जी ने मुख्य मंत्री पर सीधा निस्शन साधते हुए कहा कि लाडलियों और महिलाओं की बात करने वाले मुख्यमंत्री कुपोषण, विस्थापन और महिला हिंसा जैसे महत्वपूर्ण समस्याओं पर क्यों चुप है ? उन्होंने कहा “हमें चाहिए ज़मीन और आबादी का हक़ – मंदिर और मस्जिद की राजनीती नहीं” |
किसान संघर्ष समिती, छिंदवाडा, बरगी विस्थापित एवं प्रभावित संघ, जबलपुर, रोको ठोको संघर्ष मोर्चा, सीधी, अखिल भारतीय सेकुलर फोरम, जन पहल, नागरिक एक्शन नेटवर्क, इन्साफ, विकास संवाद, आखिल भारतीय शिक्षा अधिकार मंच और अन्य कई जिलों के जन संगठनों और समूहों के साथी आज के प्रदर्शन में उपस्थित थे |  आज का प्रदर्शन सभी जन संगठनों के सामूहिक पहल से सफल रहा | कार्यक्रम का पूरा खर्चा अलग – अलग संगठनों के साथियों और गाँव – गाँव से आये हुए जनता ने बाटी |
संपर्क: रोली शिवहरे – 09425466461 और मीरा – 9179617513

संलंग्न: 1. जन अदालत की अंतरिम रिपोर्ट दिनाक 12/9/2015
2. मुख्य मंत्री को प्रस्तुत ज्ञापन दिनांक 14/9/2015 

No comments:

NASA : Search for Alien Life on Saturn’s Moon On Thursday NASA announced a mission to land a car-sized robot quadcopter on S...